Shodashi Things To Know Before You Buy
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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥
चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा
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साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।
नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।
The path to enlightenment is frequently depicted as an allegorical journey, Using the Goddess serving as the emblem of supreme electric power and energy that propels the seeker from darkness to gentle.
बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।
The Tale is usually a cautionary tale of the strength of need and also the requirement to produce discrimination through meditation and next the dharma, as we progress inside our spiritual path.
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।
The worship of Tripura Sundari can be a journey toward self-realization, the place her divine natural beauty serves being a beacon, guiding devotees click here to the last word fact.
The Sadhana of Tripura Sundari is a harmonious blend of seeking pleasure and striving for liberation, reflecting the twin elements of her divine mother nature.
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।